,,,,,कला माध्यम है, मानव ह्नदयों में भावनाओं के आदान प्रदान का . . . । कलाकार के रूप में एक इंसान जो आनंद अपनी रचना द्वारा व्यक्त करता है उसे कई सारे लोग एक साथ महसूस कर सकते हैं, जो दर्द कलाकार रचना है, लिखता है, या गाता है . . . वो कई ह्नदयों में स्पंदित होता है . . . । कला लोगों के दिलों को भावनात्मक स्तर पर जोड़ने के लिए है . . . । कला हर काल में हर स्थिति में मानव ह्नदय की अनिवार्य आवष्यकता रही है . . । पाषाण काल में जिस समय हम पेट की भूख को मिटाने के तरीके ही सीख रहे थे तभी से अभिव्यक्ति की भूख हमारे भीतर पनपने लगी थी . . . गुफाओं और जंगलों के पत्थरों पर चित्र उकेरे जाने लगे थे ...। स्वयं को अभिव्यक्त कर पाने की उत्कंट इच्छा में हमने युगों तक कला और कला के माध्यमों को परिष्कृत किया। मानव सभ्यता की परिष्कृति के साथ ही पत्थरों पर उकेरी वो लकीरें ‘रेनासा पीरियड‘ की श्रेष्ठतम् रचनाओें तक पहुंच गई...। मायकल एंजेलो लियोनाॅर्डो, रेम्ब्रां, रफैल, रूबेन्स जैसे कलाकारों की रचनाऐं सदियों तक मानव मन को कला सौन्दर्य से सींचती रहेगी....। ये दौर, कला के चरम् परिष्कार का दौर था... । एक और खूबसूरत दौर तब आया जब वैनगाॅग, गाॅगिन, सल्वाडोर डाली जैसे कलाकारों ने प्रयोगात्मक शैली को अपनाते हुए . . . विचारों और भावनाओं को भी चित्रों में डालने की शुरूआत की। इसी शैली में बहुत से कलाकारों ने बहुत सा काम किया और कर रहे हैं . . . । कलाकार जीवन से, सृष्टि से जो सौन्दर्य लेते हैं उसे अपनी रचनाओं द्वारा औरों के ह्नदय तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं ... इसी परंपरा के निर्वाह में एक कड़ी और जोड़ते हुए ग्रुप ‘आर्ट एन हार्ट‘ ने आॅनलाइन गैलेरी एवं ‘मैग्जीन‘‘ की शुरूआत की है... ये आपके लिए है . . . हमारे लिए है . .आइए यहाँ बिखरे सौन्दर्य और संवेदनाओं को महसूस करें . . . l
मंषा